Moti Jharna : A Beautiful and Peaceful Waterfall of Jharkhand

प्रकृति ने झारखण्ड राज्य को काफी सुन्दर गहनों से सजाया है। ये गहने कोई सोना-चांदी और हीरा-मोती वाली नहीं बल्कि हम बात कर रहे हैं प्रकृति की अपनी अलग आभूषण के बारे में जैसे ऊंचाइयों से इठलाते पहाड़-पर्वत , कल-कल करती नदियां इनके अलावा ऊंचाइयों से बातें करते झरनें। झरनों की तो बात ही अलग है । 

वैसे तो झारखण्ड राज्य में अनेकों झरनें अपनी खूबसूरती बिखेरते रहती हैं। उन्ही में से एक के बारे में आज हम जानने वाले हैं।  वह खूबसूरत झरना कोई और नहीं बल्कि साहिबगंज जिला में स्थित मोती झरना (moti jharna) है।  

मोती झरना की ख़ूबसूरती 

मोती झरना अपने नाम से भी  काफी प्रचलित है क्योकि इसके नाम में ही मोती लगा हुआ है जो इसे सुशोभित करता है। यह झरना जितना अपने नाम से खूबसूरत है उससे कई ज्यादा इसे करीब से निहारने में है। 

Moti jharna image ,jharkhand blogs

यह झरना राजमहल की पहाड़ी के ऊंचाई से तीन हिस्सों में होकर निचे गिरता है।  जो इसकी सुंदरता को चार चाँद लगा देता है। मोती झरना की ऊंचाई करीब 150 फ़ीट या फिर 50 मीटर की होगी  . मानसून के दिनों में मोती झरना की खूबसूरती एक अलग ही अंदाज में बयां होती है।  

एक बेहतर पिकनिक स्पॉट

झारखंड के चुनिंदा पिकनिक स्थलों में से काफी प्रचलित रहने वाले जगहों  में से एक मोती झरना में दूर दूर से  लोग अपने पुरे परिवार के साथ पिकनिक मानाने के लिए पहुँचते हैं। यह जगह है ही इतना खास की लोग इसकी ओर खींचे चले आते हैं। 

Moti jharna , sahibganj image

एक बेहतर पिकनिक स्पॉट

झारखंड के चुनिंदा पिकनिक स्थलों में से काफी प्रचलित रहने वाले जगहों  में से एक मोती झरना में दूर दूर से  लोग अपने पुरे परिवार के साथ पिकनिक मानाने के लिए पहुँचते हैं। यह जगह है ही इतना खास की लोग इसकी ओर खींचे चले आते हैं। 

झारखण्ड पर्यटन द्वारा  इस जगह को सुन्दर बनाने के लिए कई कदम भी उठाये गए हैं. झरना के समीप एक ब्रिज बनाया गया है , जिससे पर्यटक झरने को करीब से निहार सकते हैं। साथ ही झरने के आस पास पशुओं के पुतले बनवाये गए हैं  छोटे बच्चों के लिए झूलों का भी प्रबंध रखा गया है। 

मोती झरना पार्क 

झारखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा झरना के सामने ही एक सुंदर सा पार्क तैयार किया गया है। पार्क ज्यादा बड़ा भी है पर घर परिवार के लोगों के साथ समय बिताने के लिए बेहतर है। जो की ठीक झरने के सामने ही है।  पार्क में   बैठकर  झरने का आनंद साथ ही पिकनिक का लुफ्त उठा सकते हैं। 

Moti jharna Bridge image

पार्क में छोटे बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले का भी व्यवस्था किया  है। छोटे बच्चे तो झरने की सुंदरता को बाद में देखते है पहले पहुँचते ही झूलो की सवारी करना ही बेहद पसंद करते हैं।  उसके बाद पानी में भीग कर खेलना उन्हें अलग आनंद देता है।   

मोती झरना कहाँ स्थित है ?

मोती झरना  एक बेहद खूबसूरत जलप्रपात है जो साहिबगंज जिले के राजमहल उपखण्ड ( Sub Division ) में स्थित तालझारी ग्राम से करीब 2 से 3 किमी की दुरी पर है ।  मोती झरना साहिबगंज जिला के साथ साथ पुरे झारखण्ड का भी खास प्राकृतिक पर्यटक स्थल है। 

Moti jharna , road side image

कैसे पहुंचे मोती झरना ?

मोती झरना पहुंचने के तीन मार्ग हैं –

  • हवाई मार्ग – नजदीकी हवाई अड्डा रांची से 431 किमी वही पटना हवाई अड्डा से 300 किमी
  • रेल मार्ग – नजदीकी रेलवे स्टेशन महाराजपुर से 15 किमी की दुरी पर स्थित है 
  • सड़क मार्ग – मोती झरना सड़क मार्ग पर NH 33 से 13 की दुरी पर स्थित है  

यदि आप झारखण्ड के बहार से यहाँ पहुंचना चाहते है तो आप हवाई यात्रा कर रांची पहुँच सकते है। या फिर रेल यात्रा कर रांची पहुंच सकते है।  रांची पहुँचने के बाद यहाँ से कैब बुक कर मोती झरना आसानी से पहुँच सकते हैं।

इससे आसान यह होगा की आप रेल मार्ग द्वारा रांची से सीधा साहिबगंज पहुँच जाएं वहां से मोतीझरना से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन महाराजपुर पहुंच जाये। अब यहाँ से 200 से 300 रूपये में एक ऑटो या कोई कैब बुक कर लें  जो आपको सीधा मोती झरना की सैर पर ले जायेंगे। 

यह सफर थोड़ा लम्बा जरूर हो जायेगा पर कहते हैं न असली मज़ा मंज़िल का नहीं बल्कि वहां तक पहुँचाने वाले रास्तों में बिताये लम्हों का है। और यह सच भी है मोती झरना पहुँचने से पहले वहां के कच्ची सड़क के किनारे से प्रकृति का सुंदरता अपने पर्यटकों का खुल कर स्वागत करती हैं।  

मोती झरना जाने का सही समय 

मोती झरना मानसून के दिनों में बेहद खूबसूरत हुए भव्य रूप में होता है तो यहाँ घूमने के लिए यह समय बेहतर हो सकता है। मतलब मोती झरना घूमने का बेहतर समय जुलाई से अगस्त के महीने में आकर इसके खूबसूरती को निहारने के समय सबसे बेहतर होता है।  

इसके अलावा स्थानीय लोग और आस पास  के लोग इस जगह पर ठंढ के दिनों में इस जगह पर पूरे परिवार के साथ पिकनिक का भी लुफ्त उठाने आते है। ठंढ के दिनों में भी यहाँ का नजारा काफी आकर्षित करने वाला होता है।

 दिसंबर से फरवरी का महीना भी यहाँ घूमने के अनुकूल होता है।  हालाँकि जल की धारा मानसून के मुकाबले कम होती है पर साफ़ प्रतीत होती है।  

क्या सच में यहाँ पर मोती मिलते हैं ? 

यह सफर थोड़ा लम्बा जरूर हो जायेगा पर कहते हैं न असली मज़ा मंज़िल का नहीं बल्कि वहां तक पहुँचाने वाले रास्तों में बिताये लम्हों का है। और यह सच भी है मोती झरना पहुँचने से पहले वहां के कच्ची सड़क के किनारे से प्रकृति का सुंदरता अपने पर्यटकों का खुल कर स्वागत करती हैं।  

मोती झरना जाने का सही समय 

मोती झरना मानसून के दिनों में बेहद खूबसूरत हुए भव्य रूप में होता है तो यहाँ घूमने के लिए यह समय बेहतर हो सकता है। मतलब मोती झरना घूमने का बेहतर समय जुलाई से अगस्त के महीने में आकर इसके खूबसूरती को निहारने के समय सबसे बेहतर होता है।  

इसके अलावा स्थानीय लोग और आस पास  के लोग इस जगह पर ठंढ के दिनों में इस जगह पर पूरे परिवार के साथ पिकनिक का भी लुफ्त उठाने आते है। ठंढ के दिनों में भी यहाँ का नजारा काफी आकर्षित करने वाला होता है।

 दिसंबर से फरवरी का महीना भी यहाँ घूमने के अनुकूल होता है।  हालाँकि जल की धारा मानसून के मुकाबले कम होती है पर साफ़ प्रतीत होती है।  

क्या सच में यहाँ पर मोती मिलते हैं ? 

Moti jharna , rajmahal pahadi

नहीं , दरअसल यह नाम झरने के सामने बने मोती नाथ ( शिव जी ) के मंदिर के कारण पड़ा है।  झरने के बगल में ही भगवान शिव जी का मंदिर है।  यहाँ लोग दूर दूर से स्नान करने के लिए भी आते हैं।  लोगों का मानना है की इस मोती झरना के पवित्र जल से स्नान करने से शरीर के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। 

यह भी जानें :

मोती झरना किस नदी पर स्थित है ?

मोती झरना का उद्गम किसी भी नदी से नहीं हुआ है।  बल्कि यह पवित्र जल राजमहल की पहाड़ी से निकलकर सीधे मोती झरना के रूप में आ गिरता है। 

इस जल से लोगों के चर्म रोग ठीक होने का एक मुख्य कारण यह भी हो सकता है की यह पवित्र जल किसी भी कारखाने या औद्योगिक क्षेत्र से होकर नहीं गुजरता है इसलिए यह पूरी तरह से स्वच्छ रहता है।   

 Moti Jharna Images / Videos

ये सावधानी जरूर बरतें :

  • कोई भी पिकनिक स्पॉट जो किसी जंगल  के बीच में हो या जंगल के आस पास हो उन जगहों में देर शाम तक न रुकें। 
  • जंगली जानवरों के आने का खतरा हो सकता है इसलिए कोशिश करें की सुबह के 6 से शाम 6 बजे के बीच ही आप ऐसे जगह से निकल जाएं। 
  • अकेले कहीं भी जाने से बचें। ऐसे जंगल वाले पिकनिक स्थलों में ग्रुप के साथ ही जाना बेहतर है और रोमांचक भी।
  • पहाड़ और जंगल के बीच आपको कोई FIRST AID नहीं पहुँचाने वाला , तो फर्स्ट ऐड की एक किट अपने साथ जरूर रखें।   

Conclusion : तो इस लेख में हमने जाना अपने झारखण्ड के एक खूबसूरत जलप्रपात मोती झरना के बारे में। आपको यह लेख कैसा लगा हमें बताएं कमेंट में। आपके कमैंट्स हमें ऐसे ज्ञानवर्धक लेख लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। आप हमारे सोशल मीडिया  से जुड़कर हमसे अपनी बातें साझा कर सकते हैं और झारखण्ड को और करीब से निहार सकते हैं । 

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